पन्ना जिला ( MP Jilewar Gk )

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आपको बता दें कि MP GK का बेहतरीन तरीके से अध्ययन करने के लिए मध्‍यप्रदेश की जिलेबार ( District Wise ) संपूर्ण जानकारी को जानना अत्यंत आवश्यक है इससे आपको मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान का अध्ययन करना बेहद आसान हो जाता है, इसमें हम आपको मध्यप्रदेश के पन्ना जिले ( Panna District ) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य बताऐंगे, जो आपको MP State के आने बाले सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे MPPSC 2022-23 , MP SI, MP Police, MP Vyapam व अन्य मध्यप्रदेश राज्य के Competitive Exams  के लिये बहुत ही उपयोगी होगी।

गठन

1956  

उपनाम

हीरा जिला, आंवला जिला

क्षेत्रफल

7, 135 वर्ग किमी ( 16th स्थान )

जनसंख्या

10, 16, 520 ( 40th स्थान )

साक्षरता

64.79 प्रतिशत ( 35 वां )

लिंगानुपात

905 प्रति हजार पुरुष

तहसीलें

09 ( पन्ना, अजयगढ़, देवेंद्र नगर, अमानगंज, गुनौर, पवई, रैपुरा एवं शाहनगर )

नदियां

केन और किलकिला 

स्पर्शी राज्य

उत्तरप्रदेश ( उत्तर दिशा )

स्पर्शी जिले

सतना (पूर्व), कटनी (दक्षिण), दमोह (दक्षिण-पश्चिम), छतरपुर(पश्चिम)

पुलिस संभाग

सागर

नोट :

पन्ना सर्वाधिक संरक्षित वन वाला जिला है।

1.

हीरा नगरी के नाम से प्रसिद्ध पन्ना मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्व में विंध्य पर्वत श्रेणी के मध्य स्थित है। 

2.

पन्ना एक पौराणिक नगर है। इसका उल्लेख विष्णु पुराण और पदम् पुराण में 'किलकिल प्रदेश' के रूप में किया गया है। 

3.

नागवंश की कुलदेवी "पद्मावती जी" किलकिला नदी के किनारे विराजमान है। पन्ना जिले का नाम "पद्मावती देवी" के मंदिर के नाम पर रखा गया है। पन्ना को महाराजा छत्रसाल की नगरी के नाम से जाना जाता है।

4.

राजा दधीचि और पद्मावत का राज्य पन्ना में रहा है। 

5.

इस क्षेत्र में गोंड शासकों का शासन रहा। तत्पश्चात महाराजा छत्रसाल बुंदेला ने पन्ना को अपनी राजधानी बनाया था।

6.

पन्ना जिले का वर्तमान स्वरूप पन्ना और अजयगढ़ रियासत तथा छतरपुर और यूनाइटेड प्रोविंस को मिलाकर हुआ था। 

7.

पन्ना जिला मध्यप्रदेश के गठन से पूर्व पार्ट-ए ( विंध्यप्रदेश ) का हिस्सा था। जिसकी राजधानी रीवा थी। 

8.

01 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश के गठन के साथ ही इसे मध्यप्रदेश में मिला दिया गया एवं 20 अक्टूबर 1972 को सागर संभाग की स्थापना करके इसे रीवा संभाग से पृथक कर सागर संभाग में सम्मिलित किया गया।

9.

पन्ना की प्रसिध्दि का कारण 'हीरे की खदान' तथा प्राचीन सुन्दर मंदिर है। इसी कारण पन्ना को 'डायमंड सिटी' और मंदिरों की नगरी कहा जाता है। 

10.

पन्ना जिला औद्योगिक उत्पादन की दृष्टि से पिछड़ा जिला है। यहाँ खनिज की खोज के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

11.

किलकिला तथा भागेन नदी के किनारे हीरे की खदानें हैं। 

हीरा खदानें

मझगवां, हिनौता, रामखेरिया तथा उथली। 

नोट :

पन्ना में "कुडप्पा क्रम की चट्टानों" से हीरा प्राप्त होता है।

12.

जून 2009 में NMDC द्वारा हीरा खनन पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है।

13.

"पुरैना" पन्ना का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यहाँ सीमेंट की फैक्ट्रियां हैं।

14.

पन्ना की अजयगढ़ तहसील क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटी तहसील है।

15.

पन्ना जिले के लक्ष्मीपुर में 1975-76 में "नवजीवन शिविर" नामक खुली जेल खोली गई थी जिसे 1990 में बंद कर दिया गया।

नोट :

प्रदेश की पहली खुली जेल बर्ष 1973 में "मुंगावली-अशोकनगर" ( तत्कालीन-गुना जिला ) में नवजीवन शिविर के नाम से खोली गई थी।

16.

वर्ष 1975 में गंगऊ अभ्यारण्य की स्थापना पन्ना जिले में की गई। 

17.

वर्ष 1981 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई। 

18.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के उत्तर से केन नदी प्रवाहित होती है। "केन नदी" को पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा कहा जाता है। 

19.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत ही केन नदी में घड़ियाल एवं मगरमच्छ का संरक्षण किया जाता है।

20.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में प्रदेश का एकमात्र "रेप्टाइल पार्क" है। 

21.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में "जंगली भैसों" को संरक्षण प्रदान किया जाता है।

22.

वर्ष 1994 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को बाघ संरक्षित परियोजना ( प्रोजेक्ट टाइगर रिज़र्व ) में शामिल किया गया था।

23.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को 25 अगस्त 2011 को मध्यप्रदेश के तीसरे बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में घोषित किया गया था।

24.

2 नवम्बर 2020 को पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की बायोस्फीयर रिज़र्व सूची में शामिल किया गया है।

25.

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत पांडव जलप्रपात तथा गाथा जलप्रपात स्थित है। 

26.

पन्ना "प्रगामी संप्रदाय" का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है।

27.

महाराजा किशोर सिंह की समाधी पन्ना में है। जिसे राज्य द्वारा संरक्षित स्थल घोषित किया गया है। 

अजयगढ़ का किला

इसे 18 वीं शताब्दी में राजा अजयपाल ने बनवाया था। यह केदार पर्वत पर केन नदी के समीप स्थित है। वास्तुकला और स्थापत्यकला के आधार पर इसे "मदर ऑफ़ खजुराहो" कहा जाता है। इस किले के बीचों-बीच अजयपाल नामक झील है। 

बलदेवजी का मंदिर

पन्ना जिले का सबसे सुन्दर मंदिर जो लन्दन स्थित "कैथ्रेडल पैलेश" की संरचना के आधार पर बनाया गया है।

जुगलकिशोर मंदिर

पन्ना में स्थित जुगलकिशोर मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ती है। इसकी विशेषता श्रीकृष्ण के मुख की ठुड्डी पर जड़ा हुआ हीरा है। 

28.

बृहस्पति कुंड और पांडव जलप्रपात पन्ना में है।

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