आनुवंशिकी ( Genetics )

आनुवांशिक लक्षणों के पीड़ी दर पीड़ी संचरण की विधियों तथा कारणों के अध्ययन को आनुवंशिकी ( Genetic ) कहते हैं। 
 आनुवांशिकी का पिता ग्रेगर मेण्डल को कहा जाता है। 
 सर्वप्रथम जेनेटिक्स शब्द का प्रयोग डब्ल्यू वाटसन ने 1905 ई. में किया था। 
 आनुवांशिकी सम्बन्धी प्रयोग के लिए सर्वप्रथम मेण्डल ने मटर के पौधे का चुनाव किया था। 
हीमोफोलिया पुरुषों में पाया जाने वाला आनुवांशिक रोग है, जिसमें रक्त का थक्का नहीं बनता। 
 आनुवंशिक रोग रंग वर्णांधता ( Color Blindness ) को 1911 में "विल्सन" ने खोजा था। इसे डॉल्टन रोग भी कहा जाता है। 
 वर्णांधता रोग में रोगी लाल और हरा रंग नहीं पहचान सकता है। 
 रासायनिक दृष्टि से जीन  DNA का एक प्रारूप है, इसे आनुवांशिकी की मूल इकाई कहते हैं। 
 गुणसूत्र ( Chromosomes ) को सर्वप्रथम होममीस्टर ने 1848 में माइक्रोस्कोप द्वारा देखा था। 
 गुणसूत्र का नामकरण डब्ल्यू बाल्डेयर ने 1888 में किया था। 
 गुणसूत्र के अंदर DNA प्रोटीन पाया जाता है जिसे क्रोमैटिन कहा जाता है। 
 मनुष्यों में क्रोमोसोम की संख्या 46 ( 23 जोड़ी ) होती है जिसमें 22 जोड़ा समान तथा अंतिम एक जोड़ा असमान होता है। 
 DNA की मात्रा को पीको ग्राम में मापा जाता है। 
 मनुष्य में XY प्रकार के गुणसूत्रों द्वारा लिंग का निर्धारण होता है। 
 कैंसर उत्पन्न करने वाली जीन ओकोजीन कहलाती है। 
 जीन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जोहान्सन ने 1909 में किया था। 
 पहले कृत्रिम जीन का निर्माण हरगोविंद खुराना ने 1970 में यीस्ट एलेनिन टी-RNA के लिए किया था। 
 मनुष्यों में 23 जोड़ी गुणसूत्रों के कारण ही पुरुष और स्त्री का विकाश होता है। 
 प्रयोगशाला में सर्वप्रथम DNA का संश्लेषण हरगोविंद खुराना ने किया था। 
 ह्रदय का पहला प्रतिस्थापन डॉ. क्रिश्चियन बर्नार्ड द्वारा किया गया था। 
 DNA की संरचना को सबसे पहले वाटसन व क्रिक ने रेखांकित किया। 
 DNA का डबल "हेलिक्स मॉडल" वाटसन व क्रिक ने दिया। 
 DNA फिंगर प्रिंट की सहायता से संतानों के खोये माता-पिता की जानकारी मिलती है। 
 भारत का पहला जैव प्रौद्योगिकी स्थल अर्नाकुलम में है। 
 जे. ई. पुरकिंजे ने 1839 ई. में सर्वप्रथम जीवद्रव्य का प्रयोग किया।